मंजूर लोड से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर होगी कार्रवाई, ऐसे लोड बढ़वाने का कर सकते है आवेदन Electricity Load

Electricity Load: गर्मी का मौसम आते ही बिजली की खपत तेजी से बढ़ जाती है. पंखे, कूलर, एसी और अन्य भारी बिजली उपकरणों के इस्तेमाल से बिजली के लाइन लॉस भी बढ़ने लगते हैं और कई बार ट्रिपिंग की समस्या सामने आती है. इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MP Electricity Board) ने पूरे क्षेत्र में लोड चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान का मकसद है कि उपभोक्ताओं के परिसरों में विद्युत भार (Electric Load) की वास्तविकता का पता लगाकर व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके.

किन उपभोक्ताओं पर हो रही है कार्रवाई?

बिजली कंपनी की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान में मुख्य रूप से निम्नदाब के गैर-घरेलू और औद्योगिक (पॉवर) उपभोक्ताओं के परिसरों की जांच की जा रही है. टीम घरों, दुकानों, और फैक्ट्रियों में जाकर यह देख रही है कि वहां उपयोग हो रहा लोड, स्वीकृत लोड से अधिक तो नहीं है. अभियान के दौरान कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिनमें उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से लोड नहीं बढ़वाया. लेकिन बाद में कई भारी उपकरण जैसे– एसी, वॉटर हीटर, डीप फ्रीजर आदि जोड़ दिए हैं.

क्या होता है विद्युत भार

जब कोई उपभोक्ता नया बिजली कनेक्शन लेता है, तो बिजली कंपनी उसके परिसर का सर्वे करके यह तय करती है कि कितने किलोवाट लोड की आवश्यकता है. इसी लोड के आधार पर कनेक्शन दिया जाता है और यह लोड बिजली कंपनी की सिस्टम में जोड़ दिया जाता है. इसे ही संयोजित भार या कनेक्टेड लोड कहा जाता है. अगर बाद में उपभोक्ता बिना सूचना दिए नए उपकरण लगाता है, तो वह अनाधिकृत भार वृद्धि की श्रेणी में आता है.

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बिना स्वीकृति के लोड बढ़ाया तो बनता है प्रकरण

जांच के दौरान अगर उपभोक्ता के परिसर में स्वीकृत लोड से अधिक लोड का उपयोग पाया गया, तो ऐसे मामलों को लोड वृद्धि का प्रकरण कहा जाता है. ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाया जाता है और उन्हें बकाया बिजली शुल्क दोगुनी दर से भरना पड़ता है. इसके साथ ही विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के अंतर्गत भी पेनाल्टी लगाई जाती है.

चेकिंग में पकड़े जाने पर देना पड़ सकता है भारी जुर्माना

अगर चेकिंग टीम को उपभोक्ता के यहां अतिरिक्त भार मिलता है, तो बिजली कंपनी उसके खिलाफ कार्रवाई करती है.

  • उपभोक्ता को बढ़े हुए लोड की अनुपातिक खपत पर दोगुनी दर से शुल्क चुकाना होता है.
  • इसके अलावा, यदि लोड बहुत ज्यादा पाया गया तो बिजली कंपनी कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.

इसलिए जरूरी है कि उपभोक्ता स्वेच्छा से अपने लोड को अपडेट करवा लें और अनावश्यक परेशानी से बचें.

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बिजली कंपनी की अपील

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे समय रहते स्वेच्छा से ऑनलाइन आवेदन कर अपने परिसर में बढ़े हुए लोड को रजिस्टर्ड करवा लें. इससे न केवल बिजली व्यवस्था सुचारू रहेगी. बल्कि उपभोक्ता किसी भी कानूनी कार्यवाही और जुर्माने से भी बच सकेंगे.

विद्युत भार वृद्धि के लिए ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

यदि आप भी बिजली के बढ़े हुए लोड को स्वीकृत करवाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित तरीके से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:

  • सबसे पहले बिजली कंपनी की वेबसाइट saralsanyojan.mpcz.in:8888/home पर जाएं.
  • “ऑनलाइन लोड वृद्धि/कमी के लिए आवेदन करें” विकल्प चुनें.
  • अपनी उपभोक्ता संख्या, नाम और पता भरें.
  • फिर अपने परिसर में लगे बिजली उपकरणों की सूची और उनके लोड की जानकारी दें.
  • आवश्यक शुल्क ऑनलाइन जमा करें.
  • आवेदन के बाद बिजली विभाग का कर्मचारी निरीक्षण कर लोड स्वीकृत करेगा.

लाइसेंसी ठेकेदार से कराएं लोड की गणना

बिजली कंपनी की सलाह है कि लोड बढ़ाने या घटाने से पहले उपभोक्ता किसी लाइसेंसी इलेक्ट्रिकल ठेकेदार से लोड की सही गणना करवा लें. यह गणना आधार बनेगी कि आपके परिसर में कितने किलोवाट की आवश्यकता है. इससे भविष्य में किसी तरह के विवाद या जांच में कठिनाई नहीं होगी.

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गर्मी में लोड बढ़ना आम बात

गर्मी के मौसम में पंखा, कूलर, एसी जैसे उपकरणों की वजह से बिजली की खपत बढ़ना सामान्य है. लेकिन इस बढ़े हुए लोड को स्वीकृति दिलाना हर उपभोक्ता की जिम्मेदारी है. यदि आप बिजली कंपनी को बिना बताए लोड बढ़ाते हैं, तो यह अवैध माना जाएगा. सही तरीका यही है कि आप पहले से आवेदन कर बढ़ा हुआ लोड वैध करवा लें.

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