Private School: हरियाणा के रोहतक जिले से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है. आए दिन निजी स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने अब इस पर सख्त रुख अपना लिया है. रोहतक जिले के सांपला सब-डिवीजन के एसडीएम उत्सव आनंद ने खुद मोर्चा संभालते हुए स्कूल बसों की मौके पर जाकर जांच शुरू कर दी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई भी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
29 मापदंडों पर खरा उतरना जरूरी
हरियाणा सरकार की ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’ के तहत स्कूल बसों को 29 आवश्यक मापदंडों को पूरा करना होता है. इसमें सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस, फर्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर, स्पीड गवर्नर, महिला अटेंडेंट, आपातकालीन दरवाजा जैसी जरूरी सुविधाएं शामिल हैं.
लेकिन प्रशासन ने पाया कि ज्यादातर निजी स्कूल बसें इन मानकों पर खरा नहीं उतरतीं. इससे बच्चों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है. इसी वजह से अब प्रशासन ने तय किया है कि हर बस की जांच कर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
SDM उत्सव आनंद ने खुद संभाली कमान
इस अभियान को लेकर सांपला SDM उत्सव आनंद ने कोई कोताही नहीं बरती. उन्होंने परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस और नायब तहसीलदार की संयुक्त टीम के साथ खुद स्कूलों का दौरा किया.
- उन्होंने बसों की फिटनेस, परमिट, बीमा, चालक का लाइसेंस, परिचालक की मौजूदगी और अनिवार्य सुरक्षा उपकरणों की स्थिति की जांच की.
- जांच के दौरान कई बसों में प्राथमिक चिकित्सा किट नहीं मिली, स्पीड गवर्नर या सीसीटीवी कैमरे गायब थे, तो कहीं बसें ओवरलोड पाई गईं.
एसडीएम ने दी चेतावनी
मौके पर मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए एसडीएम उत्सव आनंद ने कहा, “यह हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है कि बच्चे सुरक्षित माहौल में स्कूल जाएं और लौटें. किसी भी स्कूल बस में खामी मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को कभी भी बख्शा नहीं जाएगा.” उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल प्रबंधन यह न सोचें कि सिर्फ एडमिशन देकर जिम्मेदारी खत्म हो गई. बच्चों की सुरक्षा भी उनकी उतनी ही जिम्मेदारी है.
गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर भी नजर
जांच के दौरान गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों का मुद्दा भी सामने आया. ऐसे कई स्कूल बिना किसी वैधानिक मंजूरी के संचालित हो रहे हैं. जिनकी बसें भी अमानक और असुरक्षित हैं.
एसडीएम ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ भी चेतावनी जारी की है और कहा है कि यदि बिना मान्यता के स्कूल चलता पाया गया, तो उसे तुरंत सील किया जाएगा और प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी.
जांच अभियान रहेगा जारी
प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह सिर्फ सांपला क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा. आने वाले दिनों में यह जांच अभियान पूरे रोहतक जिले में लागू किया जाएगा.
- सभी एसडीएम और खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्कूल बसों की जांच कर रिपोर्ट दें.
- जिन स्कूल बसों में सुधार की जरूरत होगी. उन्हें समय सीमा में व्यवस्था दुरुस्त करने की हिदायत दी जाएगी.
अभिभावकों ने जताई संतुष्टि
इस सख्त अभियान से अभिभावकों में भी संतोष का माहौल देखा जा रहा है. कई माता-पिता ने कहा कि अब तक स्कूल बसों की स्थिति को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती थी. लेकिन प्रशासन ने जमीनी स्तर पर कार्रवाई शुरू कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं.
अभिभावक ये बातें जरूर जांचें
अगर आप अपने बच्चे को स्कूल बस से भेजते हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें:
- बस में फायर एक्सटिंग्विशर और फर्स्ट एड बॉक्स हो
- चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो
- बस में CCTV कैमरा और GPS सिस्टम लगे हों
- बस के अंदर और बाहर स्कूल का नाम और संपर्क नंबर लिखा हो
- महिला अटेंडेंट की उपस्थिति अनिवार्य हो
- बस की स्पीड 40 किमी/घंटा से अधिक न हो
अगर इनमें से कोई भी बात अधूरी हो तो स्कूल प्रबंधन या प्रशासन से तुरंत शिकायत करें.