New vehicle Policy: दिल्ली सरकार जल्द ही एक नई नीति लागू करने जा रही है, जिसके तहत तय उम्र से ज्यादा पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को अब ईंधन नहीं मिलेगा. राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया जा रहा है. इस नीति के जरिए सरकार पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाने की कोशिश करेगी.
ANPR सिस्टम से होगी नंबर प्लेट की स्कैनिंग
नई पॉलिसी को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी के 500 में से 477 पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे (Automatic Number Plate Recognition System) लगा दिए हैं. यह कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और उसकी रजिस्ट्रेशन डेट और पीयूसी (Pollution Under Control Certificate) की जानकारी जांचेंगे. अगर कोई वाहन तय उम्र से ज्यादा पुराना है या उसके पास वैध पीयूसी नहीं है, तो पंप पर अलर्ट मिलेगा और उसे पेट्रोल या डीजल देने से मना कर दिया जाएगा.
अब तक इतने पेट्रोल और CNG पंपों पर लगी डिवाइस
सरकार ने अब तक 372 पेट्रोल पंप और 105 CNG स्टेशनों पर यह सिस्टम लगा दिया है. शेष बचे 23 पेट्रोल पंपों पर भी आने वाले 10 से 15 दिनों में यह डिवाइस इंस्टॉल कर दी जाएगी. पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह योजना अप्रैल के अंत तक पूरी दिल्ली में लागू हो जाएगी.
1 अप्रैल से लागू होनी थी योजना
दिल्ली सरकार की यह योजना पहले 1 अप्रैल 2025 से लागू की जानी थी, लेकिन सभी पेट्रोल पंपों पर तकनीकी सिस्टम समय पर न लग पाने की वजह से इसे कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा खुद इस योजना की निगरानी कर रहे हैं ताकि इसे सुचारू रूप से लागू किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट और NGT के पुराने निर्देशों को मिलेगा बल
इस नई नीति के पीछे सुप्रीम कोर्ट और NGT (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के पुराने आदेशों को सख्ती से लागू करने का भी मकसद है. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में निर्देश दिया था कि दिल्ली में डीजल वाहन की अधिकतम उम्र 10 साल और पेट्रोल वाहनों की 15 साल होनी चाहिए. इसके अलावा, NGT ने 2014 में यह भी आदेश दिया था कि 15 साल से पुराने किसी भी वाहन को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क नहीं किया जा सकता.
NGT का नियम
- पेट्रोल वाहन: 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन दिल्ली की सड़कों पर नहीं चल सकते और न ही सार्वजनिक जगहों पर पार्क किए जा सकते हैं.
- डीजल वाहन: 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर भी वही पाबंदियां लागू होती हैं.
- पब्लिक पार्किंग में भी पाबंदी: ऐसे वाहन न तो सार्वजनिक पार्किंग में खड़े किए जा सकते हैं और न ही किसी गली या सड़क पर छोड़े जा सकते हैं.
- जब्ती की स्थिति में कबाड़: अगर ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग ऐसे पुराने वाहनों को जब्त करता है, तो उन्हें कबाड़ के रूप में नष्ट किया जा सकता है.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तकनीक का उपयोग
दिल्ली सरकार की यह योजना तकनीक के ज़रिए प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयोग है. ANPR कैमरे न सिर्फ नंबर प्लेट स्कैन करेंगे, बल्कि उन्हें तुरंत डेटाबेस से जोड़कर वाहन की उम्र और पीयूसी स्टेटस जांच लेंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी प्रतिबंधित वाहन ईंधन प्राप्त न कर सके.
जनता को होगी थोड़ी परेशानी
हालांकि शुरुआत में वाहन मालिकों को थोड़ी असुविधा हो सकती है, खासकर उन लोगों को जिनके वाहन तय सीमा से थोड़े ही पुराने हैं. लेकिन दीर्घकालीन नजरिए से देखें तो यह नीति दिल्ली की हवा को साफ करने, प्रदूषण कम करने और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी कदम है.
अधिकारियों की सक्रियता से जल्द होगी पूरी तरह से लागू
ट्रांसपोर्ट विभाग, पर्यावरण मंत्रालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से यह योजना तेजी से पूरी दिल्ली में लागू की जा रही है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, ANPR सिस्टम की सटीकता 98% से ज्यादा है और भविष्य में इसे और बेहतर किया जाएगा.