New Four-lane Highway: राजस्थान के नागौर जिले को केंद्र सरकार की तरफ से एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है. नागौर-जोधपुर फोरलेन परियोजना की स्वीकृति के बाद अब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने नागौर रिंग रोड को पूरा करने के लिए एक नया बायपास मंजूर करने की तैयारी कर ली है. इस बायपास के बन जाने से शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी और ट्रैफिक का दबाव कम होगा.
375 करोड़ की लागत से बनेगा 16 किलोमीटर लंबा बायपास
नागौर में बनने वाला नया बायपास बीकानेर रोड से लाडनूं रोड तक बनेगा जिसकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर होगी. इस पर लगभग 375 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. एनएच नागौर खंड के एक्सईएन दीपक परिहार ने बताया कि इस बायपास की डीपीआर तैयार हो चुकी है और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं. अब सिर्फ केंद्र सरकार की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है.
नागौर रिंग रोड का सपना होगा पूरा
नागौर शहर को जाम और भारी ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए तीन तरफ से बायपास सड़कें पहले ही बन चुकी हैं. अब बचे हुए हिस्से — अमरपुरा से गोगेलाव तक की कड़ी — को जोड़ने का काम किया जा रहा है.
- अमरपुरा से चुगावास तक की दूरी: 19.225 किमी
- चुगावास से गोगेलाव तक की दूरी: 12.07 किमी
- अब अमरपुरा से गोगेलाव तक बनेगा नया बायपास: 16 किमी
इस बायपास के जुड़ते ही नागौर के चारों ओर कुल 47 किलोमीटर लंबी रिंग रोड तैयार हो जाएगी जो शहर को पूरी तरह से चारों तरफ से घेरेगी.
शहर में नहीं घुसेंगे भारी वाहन यातायात होगा सुगम
नागौर से दो नेशनल हाईवे (NH-65 और NH-89) गुजरते हैं जिससे भारी वाहनों की आवाजाही लगातार शहर के भीतर होती है. इस वजह से जाम प्रदूषण और सड़क हादसे बढ़ते हैं. लेकिन रिंग रोड पूरी होते ही भारी और हल्के वाहन सीधे शहर से बाहर से निकल जाएंगे. इससे:
- शहर की सड़कों पर ट्रैफिक कम होगा
- सड़क दुर्घटनाएं घटेंगी
- आम जनता को राहत मिलेगी
- सफर का समय बचेगा
औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी रफ्तार
गोगेलाव क्षेत्र में एक नया औद्योगिक क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है. यहां आने-जाने वाले वाहनों को फिलहाल शहर के रास्ते से गुजरना पड़ता है जिससे ट्रैफिक भी बढ़ता है और समय भी लगता है. लेकिन रिंग रोड पूरी होते ही भारी वाहनों को सीधे बायपास से पहुंच मिलेगी जिससे उद्योगों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.
शहर के विकास को मिलेगा नया आयाम
नागौर शहर का विकास फिलहाल बीकानेर रोड की ओर तेजी से हो रहा है. यहां पहले से ही कई अहम संस्थान और सरकारी दफ्तर मौजूद हैं:
- जिला मुख्यालय का सरकारी अस्पताल
- कृषि कॉलेज
- मेडिकल कॉलेज
- नर्सिंग कॉलेज
- पॉलिटेक्निक कॉलेज
- केंद्रीय विद्यालय
- मॉडल स्कूल
साथ ही मिनी सचिवालय और जिला न्यायालय के भवन भी बीकानेर रोड पर प्रस्तावित हैं. रिंग रोड बनने से इन सभी स्थानों तक पहुंच आसान होगी और शहर के विकास को एक नई दिशा मिलेगी.
यात्रियों को मिलेगी राहत जाम की समस्या होगी खत्म
शहर में प्रवेश करने वाले बाहरी यात्रियों को अब नागौर की तंग गलियों और ट्रैफिक से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जो लोग जयपुर बीकानेर जोधपुर लाडनूं या अन्य मार्गों से शहर आते हैं उन्हें बायपास के जरिए शहर से बिना रुके पार जाने का विकल्प मिलेगा. इससे न केवल शहर की सड़कों का बोझ कम होगा बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा.
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने जताई खुशी
नागौर के स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस बायपास और रिंग रोड के काम को लेकर सरकार का आभार जताया है. उनका कहना है कि यह परियोजना वर्षों से अटकी हुई थी और अब इसके पूरा होने से आवाजाही और व्यापार दोनों को फायदा होगा. खासकर जो लोग बीकानेर रोड की ओर रह रहे हैं उन्हें अस्पताल स्कूल और सरकारी दफ्तरों तक पहुंचने में काफी आसानी होगी.
पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण में भी मददगार
रिंग रोड के जरिए शहर में से गुजरने वाले भारी वाहन अब शहर के बाहर से गुजरेंगे जिससे:
- शहर के बीचों-बीच सड़कें साफ-सुथरी और सुरक्षित रहेंगी
- धूल और धुएं से निजात मिलेगी
- वायु प्रदूषण कम होगा
- ध्वनि प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी