Haryana News: हरियाणा सरकार ने एक बार फिर किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए उन किसानों को राहत दी है जिनके गांवों में अब तक चकबंदी नहीं हो सकी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन गांवों के किसानों की फसलें अब “मेरी फसल- मेरा ब्योरा” पोर्टल के बजाय ऑफलाइन तरीके से खरीदी जाएंगी। इस फैसले का सीधा लाभ हजारों किसानों को मिलेगा जो तकनीकी बाधाओं के चलते अपनी फसल बेचने में परेशान थे।
पोर्टल न होने की वजह से किसान हो रहे थे परेशान
“मेरी फसल- मेरा ब्योरा” पोर्टल राज्य सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसमें किसान अपनी फसल का विवरण दर्ज करते हैं ताकि उन्हें समय पर एमएसपी पर फसल बिक्री का लाभ मिल सके। लेकिन प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जहां अब तक चकबंदी (land consolidation) नहीं हो पाई है।
चकबंदी न होने की स्थिति में इन किसानों की जमीन रिकॉर्ड डिजिटली अपडेट नहीं हो पा रही थी, जिससे वे पोर्टल पर फसल पंजीकरण नहीं करा पा रहे थे। इसका परिणाम यह हो रहा था कि फसल मंडी तक पहुंचने के बाद भी वे सरकारी खरीद में शामिल नहीं हो पा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने दिए तत्काल ऑफलाइन खरीद के आदेश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से कहा कि किसी भी किसान को अपनी मेहनत की फसल बेचने में परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि हर किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य और सम्मान मिले। इसलिए जिन गांवों में अभी तक चकबंदी नहीं हुई है, वहां पर फसल की ऑफलाइन माध्यम से खरीद की जाएगी।
किसानों के लिए बड़ी राहत हर दाना खरीदेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार सभी किसानों की गेहूं फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी अनाज मंडियों में व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके और किसानों को इंतजार या असुविधा न झेलनी पड़े।
इस निर्णय के साथ सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि डिजिटल व्यवस्था की बाधाओं को किसानों की परेशानी नहीं बनने दिया जाएगा।
समीक्षा बैठक में मौजूद रहे मंत्री व अधिकारी
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की, जिसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर, विभागीय सचिव, मंडी बोर्ड के अधिकारी और कृषि विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में मंडी में फसल खरीद व्यवस्था, ट्रांसपोर्टेशन, भुगतान प्रक्रिया और किसानों की सुविधा से जुड़े तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई।
“मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल की मजबूती पर भी रहेगा ध्यान
हालांकि सरकार ने ऑफलाइन खरीद की व्यवस्था को अस्थायी राहत के रूप में लागू किया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल को और अधिक उपयोगी और सहज बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों को किसी पोर्टल या तकनीकी जटिलता की वजह से फसल बेचने से वंचित न रहना पड़े, इसके लिए ग्रामीण स्तर पर डिजिटल साक्षरता और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।
किसानों की राय सरकार के फैसले से मिली उम्मीद
सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ जैसे जिलों से आए किसानों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से उन्हें समय पर भुगतान और फसल बिक्री में बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
एक किसान रणधीर सिंह ने कहा,
“हमने पिछले साल भी पोर्टल में दिक्कत के कारण फसल नहीं बेच पाई थी। अब ऑफलाइन प्रक्रिया से उम्मीद जगी है कि मेहनत का फल समय पर मिलेगा।”
चकबंदी के बाद गांवों को किया जाएगा पोर्टल से जोड़ा
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने यह भी बताया कि जिन गांवों में अभी तक चकबंदी नहीं हुई है, वहां की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए राजस्व विभाग और कृषि विभाग को संयुक्त रूप से कार्य सौंपा गया है। चकबंदी होते ही गांवों को पोर्टल से जोड़ा जाएगा ताकि भविष्य में भी सभी किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ सकें।
सरकार का किसान कल्याणकारी दृष्टिकोण
हरियाणा सरकार का यह निर्णय स्पष्ट करता है कि किसानों के हित उसके विकास एजेंडे के केंद्र में हैं। चकबंदी न होने की तकनीकी बाधा को नजरअंदाज न करते हुए, सरकार ने व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किया है जो जमीनी स्तर पर किसानों को लाभ देगा।