Sona Chandi Ka Bhav: आज 6 अप्रैल 2025 को नवरात्रि का नवां दिन और रामनवमी का पर्व है. ऐसे शुभ अवसर पर जहां आमतौर पर सोने-चांदी की मांग बढ़ जाती है. वहीं दूसरी ओर कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट ने सभी को चौंका दिया है. जानकारों के अनुसार वैश्विक बाजार में अनिश्चितता, अमेरिकी टैरिफ विवाद और कमजोर डॉलर के चलते सोने की कीमतों में यह गिरावट देखी जा रही है. पिछले दो दिन में सोना करीब ₹2500 प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है. जबकि चांदी में ₹10,000 प्रति किलो की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश में आज के सोने के ताजा भाव
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के रेट कुछ इस प्रकार हैं:
शहर | 24 कैरेट सोना (₹/10 ग्राम) | 22 कैरेट सोना (₹/10 ग्राम) |
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लखनऊ | ₹91,790 | ₹83,370 |
कानपुर | ₹89,980 | ₹83,250 |
गाजियाबाद | ₹88,310 | ₹83,370 |
नोएडा | ₹90,853 | ₹83,699 |
वाराणसी | ₹89,980 | ₹83,250 |
आगरा | ₹93,029 | ₹85,289 |
प्रयागराज | ₹90,853 | ₹83,699 |
गोरखपुर | ₹70,909 | ₹66,696 |
नोट: ये भाव अनुमानित हैं और बाजार की स्थिति, टैक्स और ज्वेलर्स के अनुसार थोड़े बहुत बदल सकते हैं.
मार्च 2025 में सोने की कीमतों में कैसी रही चाल?
मार्च के महीने में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहा. लेकिन कुल मिलाकर महीने के अंत तक अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली.
- मार्च में 24 कैरेट सोने का न्यूनतम भाव: ₹86,799 प्रति 10 ग्राम
- अधिकतम भाव: ₹91,399 प्रति 10 ग्राम
- 31 मार्च 2025 तक कुल वृद्धि: ₹4,366
इसका मतलब है कि सिर्फ एक महीने में सोने की कीमत लगभग 5% तक बढ़ी, जो निवेशकों के लिए एक मजबूत संकेत है.
क्या सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम को पार कर जाएगा?
इस समय सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या सोना “लखटकिया” बन जाएगा?
विशेषज्ञों की मानें तो:
- वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता.
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीतियों में नरमी.
- और डॉलर की कमजोरी के चलते
सोने की कीमतों में तेज़ी बरकरार रह सकती है.
अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो सोना जल्द ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर सकता है.
पिछले 10 साल में 6 गुना बढ़ा सोना
अगर पिछले 10 वर्षों की तुलना करें तो सोने की कीमत में लगभग 6 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है.
- जहां पहले सोना ₹18,000 – ₹20,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास था.
- वहीं अब यह ₹90,000 के पार पहुंच चुका है.
यह दर्शाता है कि सोना ना सिर्फ आभूषण का प्रतीक है. बल्कि दीर्घकालिक निवेश के लिए सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक बन चुका है.
2025 की पहली छमाही में मंदी और रुपये की कमजोरी की आशंका
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 की पहली छमाही में वैश्विक आर्थिक मंदी के संकेत मिल रहे हैं.
- इसका असर सीधे तौर पर मुद्रा विनिमय दरों और सर्राफा बाजार पर पड़ रहा है.
- रुपये में गिरावट आने की उम्मीद है. जिससे आयातित सोना महंगा हो सकता है.
हालांकि इस बीच अगर अंतरराष्ट्रीय कीमतें नीचे आती हैं, तो स्थानीय बाजारों में स्थिरता बनी रह सकती है.
क्या यह सोना खरीदने का सही समय है?
यह सवाल हर निवेशक और आम खरीदार के मन में घूम रहा है. जानकारों की राय में:
- अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह समय अनुकूल है.
- अगर आप आभूषण के लिए खरीदारी कर रहे हैं, तो थोड़ी प्रतीक्षा करना बेहतर होगा. क्योंकि गिरावट का ट्रेंड अभी बरकरार है.
चांदी के खरीदारों के लिए भी यह मौका है. क्योंकि कीमतों में ₹10,000 की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.