School Holiday: हरियाणा में स्कूल सिर्फ पढ़ाई का स्थान नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य की नींव भी हैं. गांव से लेकर शहर तक सुबह के समय यूनिफॉर्म में सजे हुए बच्चों की कतारें, बस्ते के साथ स्कूल जाते नज़ारे, राज्य की एक सकारात्मक और प्रेरणादायक छवि प्रस्तुत करते हैं. यहां सिर्फ किताबों की शिक्षा नहीं दी जाती बल्कि संस्कृति, तीज-त्योहार और खेलकूद के माध्यम से बच्चों का समग्र विकास किया जाता है.
शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला
हरियाणा सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एक सकारात्मक और संवेदनशील कदम उठाया है. हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों को चार विशेष स्थानीय अवकाश देने की घोषणा की है. इन अवकाशों का उद्देश्य बच्चों को सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ना है ताकि वे सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, जीवन के मूल सिद्धांतों को भी समझ सकें.
जानिए कौन-कौन से हैं ये चार खास छुट्टियां
नीचे दिए गए चार अवसरों पर अब हरियाणा के स्कूलों में छुट्टी रहेगी:
- गुड फ्राइडे – यह ईसाई धर्म में अत्यंत पवित्र दिन है. ईसा मसीह के बलिदान की याद दिलाने वाला यह दिन मानवता, त्याग और क्षमा की भावना सिखाता है.
- बुद्ध पूर्णिमा – भगवान बुद्ध के जन्मदिन के रूप में मनाई जाने वाली यह तिथि बच्चों को शांति, ध्यान और करुणा की सीख देती है.
- करवा चौथ – यह पारिवारिक मूल्य और परंपराओं से जुड़ा पर्व है जो बच्चों को परिवार की एकता और भावनात्मक जुड़ाव को समझाने का अवसर देगा.
- गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस – यह दिन धर्म रक्षा और साहस का प्रतीक है, जो विद्यार्थियों को सच्चाई के लिए संघर्ष करना सिखाएगा.
स्कूलों में बढ़ रही हैं चुनौतियां
हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में यह पहल स्वागत योग्य है, लेकिन स्कूलों में बढ़ती छात्रों की संख्या के मुकाबले शिक्षक संख्या का संतुलन नहीं बैठ पा रहा है.
- कई स्कूलों में एक शिक्षक को दो या तीन कक्षाओं को एक साथ संभालना पड़ता है, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
- विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सरकार से अगले बजट (2025-26) में शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक फंड की मांग की है.
- ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा को लेकर भी विशेष बजट की मांग की जा रही है ताकि लड़कियों के लिए स्कूलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें.
बेटियों ने उठाई आवाज
हरियाणा के फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल और अन्य शहरी इलाकों में स्कूल और कॉलेज जाने वाली छात्राओं ने सुरक्षित परिवहन सेवा को लेकर प्रशासन का ध्यान खींचा है.
- छात्राओं का कहना है कि लोकल बसों में भीड़ और असुरक्षा की भावना के कारण वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पातीं.
- हैरासमेंट की घटनाएं, बसों में सीट की समस्या और समय पर बस न मिलना भी आम बात हो गई है.
- लड़कियों की मांग है कि सरकार “गर्ल्स ओनली बस सेवा” शुरू करे और बसों का शेड्यूल स्कूल-कॉलेज टाइम के अनुसार तय किया जाए.
शिक्षा में लचीलापन लाने की दिशा में सकारात्मक पहल
हरियाणा सरकार की यह घोषणा न सिर्फ छुट्टियों की संख्या बढ़ाने भर तक सीमित नहीं है. बल्कि यह एक संकेत है कि सरकार अब शिक्षा व्यवस्था को अधिक मानवीय और समावेशी बनाने की दिशा में काम कर रही है.
- छुट्टियों के माध्यम से बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना एक अनोखा प्रयास है.
- इससे बच्चों में सामाजिक मूल्य, सहिष्णुता और विविधता को स्वीकारने की भावना भी विकसित होगी.
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग पर सरकार से उम्मीदें
हरियाणा के अभिभावक, शिक्षक और छात्र अब सरकार से और भी ठोस कदमों की अपेक्षा कर रहे हैं.
- शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाए
- ग्रामीण इलाकों में डिजिटल लर्निंग की सुविधा बढ़ाई जाए
- लड़कियों की पढ़ाई और सुरक्षा पर विशेष फोकस रखा जाए
- स्कूलों में बुनियादी ढांचा जैसे टॉयलेट, पीने का पानी और बिजली की स्थायी व्यवस्था हो