बिजली बिल में सरकार देगी सब्सिडी, इन परिवारों की हो जाएगी मौज Free Bijli

Free Bijli: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत देशभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में एक जनपद में एक लाख मकानों की छतों पर सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन ground reality यह है कि अभी तक सिर्फ 2300 घरों पर ही सोलर प्लांट लगाए जा सके हैं.

योजना की रफ्तार धीमी होने के पीछे लोगों में जानकारी की कमी, प्रक्रिया को लेकर भ्रम और शुरुआती लागत जैसी चुनौतियां बताई जा रही हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने योजना को गति देने के लिए सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को आगे लाने का फैसला किया है.

अधिकारियों और शिक्षकों से मिल सकती है योजना को नई ऊर्जा

जिले में वर्तमान समय में लगभग 12,000 सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास खुद का मकान है और वे सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने के लिए पात्र हैं. मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने सभी विभागों को पत्र जारी कर अपने-अपने अधीनस्थ कर्मियों को प्रेरित करने का निर्देश दिया है.

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इसका मकसद है कि जब समाज के जिम्मेदार और जागरूक वर्ग सोलर सिस्टम अपनाएंगे, तो बाकी लोग भी इससे प्रेरित होंगे और सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ेंगे. साथ ही इससे योजना का लक्ष्य तेजी से पूरा किया जा सकेगा.

सरकार दे रही है मोटी सब्सिडी

इस योजना की खास बात यह है कि लाभार्थी को सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है. यह सब्सिडी सीधे उनके खाते में भेजी जाती है. सब्सिडी का विवरण इस प्रकार है:

प्लांट की क्षमतामिलने वाली सब्सिडी
1 किलोवाट₹45,000
2 किलोवाट₹90,000
3 किलोवाट या अधिक₹1,08,000 से ₹1,80,000 तक

इससे न सिर्फ बिजली का मासिक खर्च कम होता है. बल्कि घरों में पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत का उपयोग भी बढ़ता है.

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कैसे काम करता है सोलर एनर्जी सिस्टम?

सोलर एनर्जी सिस्टम एक बार छत पर लग जाने के बाद, दिन के समय यह धूप को बिजली में बदलकर सीधे घर में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा में परिवर्तित करता है. अगर उस समय बिजली की खपत कम होती है, तो बचने वाली बिजली सीधे ग्रिड में चली जाती है.

इसका डिजिटल मीटर रीडिंग लेता है और महीने के अंत में जो बिजली सरकार से ली गई है और जो सरकार को वापस दी गई है, उस अंतर के आधार पर बिल तैयार होता है. यही वजह है कि सोलर सिस्टम लगाने वालों के बिजली बिल में भारी कमी देखी जा रही है.

ग्रुप-3 कर्मचारी और शिक्षक बन सकते हैं सौर क्रांति के अगुवा

सीडीओ द्वारा जारी आदेश में बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग सहित सभी बड़े सरकारी महकमों को शामिल किया गया है. इन विभागों में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं, जो अपने घर में सोलर सिस्टम लगाकर न केवल खुद को लाभ दे सकते हैं. बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर सकते हैं.

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बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक योजना को अपनाकर स्कूलों में बच्चों को भी इसके महत्व से परिचित कर सकते हैं. इससे सामाजिक जागरूकता में भी इजाफा होगा.

यूपीनेडा और प्रशासन चला रहे हैं अभियान

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) भी सक्रिय है. परियोजना अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि सीडीओ के निर्देश के बाद सभी विभागों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं. जहां योजना की जानकारी दी जा रही है.

यूपीनेडा द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोगों को सही कंपनी, इंस्टॉलेशन प्रक्रिया, दस्तावेजों की आवश्यकता और सब्सिडी के आवेदन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए.

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योजना से जुड़े अन्य लाभ भी जानिए

  • लाइफटाइम सेविंग: एक बार सोलर प्लांट लग जाए तो अगले 20-25 साल तक बिजली पर भारी बचत होती है.
  • ग्रीन एनर्जी: प्रदूषण मुक्त बिजली का उपयोग होता है. जिससे पर्यावरण की रक्षा होती है.
  • रखरखाव में कमी: आधुनिक सोलर सिस्टम का मेंटेनेंस बहुत कम होता है.
  • बिजली कटौती से मुक्ति: सोलर प्लांट दिनभर बिजली देता है. जिससे इनवर्टर और जनरेटर पर निर्भरता घटती है.

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