Traffic Rules: भारत में बाइक या स्कूटर जैसे टू-व्हीलर चलाते समय हेलमेट पहनना कानूनी रूप से अनिवार्य है. सड़क सुरक्षा के नियमों के तहत ट्रैफिक पुलिस द्वारा हेलमेट न पहनने पर चालान काटा जा सकता है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि कई बार हेलमेट पहनने के बाद भी लोगों का चालान कट जाता है. इसका कारण ये नहीं कि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना बल्कि वे हेलमेट पहनने के सही नियमों का पालन नहीं करते. अगर आप भी बाइक या स्कूटर चलाते हैं तो ये जरूरी है कि आप इन नियमों को जानें ताकि चालान और हादसों से बचा जा सके.
ISI मार्क वाला हेलमेट पहनना जरूरी
अक्सर लोग बाजार से सस्ते या स्टाइलिश दिखने वाले हेलमेट खरीद लेते हैं जिन पर ISI मार्क नहीं होता. ISI मार्क यह सुनिश्चित करता है कि हेलमेट भारतीय सुरक्षा मानकों पर खरा उतरता है. बिना ISI मार्क वाला हेलमेट पहनने पर ट्रैफिक पुलिस आपका चालान काट सकती है. ISI मार्क हेलमेट की पहचान हेलमेट के अंदर लगी IS 4151 का लोगो देखकर की जा सकती है. इस नियम की अनदेखी करना आपकी जान के साथ समझौता है.
केवल हेलमेट पहनना काफी नहीं
हेलमेट को सिर पर रखने से केवल खानापूर्ति होती है सड़क सुरक्षा नहीं. अगर आपने हेलमेट पहना है लेकिन उसकी चिन स्ट्रैप नहीं बांधी है तो ये अधूरा सुरक्षा उपाय माना जाता है. कई बार दुर्घटना के दौरान बिना बंधी हुई स्ट्रैप के कारण हेलमेट गिर जाता है और सिर को गंभीर चोट लग सकती है. यही वजह है कि पुलिस ऐसे मामलों में भी चालान काटती है.
डुप्लीकेट या सस्ते लोकल हेलमेट से भी कट सकता है चालान
बाजार में कई सस्ते और नकली हेलमेट उपलब्ध हैं जिनकी कीमत कुछ सौ रुपये होती है. ये दिखने में ठीक लग सकते हैं लेकिन इनकी सेफ्टी क्वालिटी बेहद कमजोर होती है. न तो ये सिर की सुरक्षा करते हैं और न ही इन पर कोई ISI या अन्य मानक होते हैं. ऐसे हेलमेट पहनने पर भी ट्रैफिक पुलिस चालान कर सकती है क्योंकि ये हेलमेट कानूनी रूप से मान्य नहीं होते.
पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट जरूरी
कई लोग यह मानते हैं कि केवल बाइक चलाने वाले को ही हेलमेट पहनना जरूरी है लेकिन ऐसा नहीं है. नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अब पिलियन राइडर यानी पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है. अगर राइडर ने तो हेलमेट पहना है लेकिन पीछे वाला बिना हेलमेट है तो पुलिस दोनों पर चालान कर सकती है. चालान की राशि 1000 रुपये तक हो सकती है.
टूटा या बिना वाइजर वाला हेलमेट पहनना भी गलत
कई बार लोग पुराने टूटे हुए या बिना वाइजर वाले हेलमेट पहनकर चल देते हैं. ऐसे हेलमेट न तो चेहरे की सुरक्षा करते हैं और न ही आंखों को धूल-मिट्टी से बचाते हैं. ये हेलमेट दुर्घटना की स्थिति में काम नहीं आते. ट्रैफिक पुलिस इनकी जांच करते वक्त भी चालान कर सकती है क्योंकि ये हेलमेट सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते.
साइकिल हेलमेट या आधा हेलमेट पहनने से भी चालान कट सकता है
कई लोग हल्के या साइज में छोटे साइकिल वाले हेलमेट पहनकर स्कूटर या बाइक चलाते हैं ताकि दिखावे के लिए कुछ तो सिर पर हो. लेकिन ये हेलमेट टू-व्हीलर के लिए मान्य नहीं होते और सड़क सुरक्षा में किसी काम के नहीं हैं. ऐसे हेलमेट को पहनना कानून के खिलाफ है और पुलिस इन पर भी चालान कर सकती है.
हेलमेट को सिर पर नहीं
कई बार लोगों को हेलमेट साथ तो होता है लेकिन सिर पर पहनने की बजाय हाथ में पकड़ा होता है या स्कूटी के हुक में लटकाया होता है. यह बहुत ही सामान्य लेकिन गंभीर गलती है. नियमों के मुताबिक हेलमेट सिर पर सही तरीके से पहना होना चाहिए न कि केवल साथ होना चाहिए. ऐसी स्थिति में पुलिस बिना सोचे चालान कर सकती है.
हेलमेट पहनने के नियमों का पालन क्यों जरूरी है?
हेलमेट पहनने के नियम सिर्फ चालान से बचने के लिए नहीं बल्कि आपकी जान बचाने के लिए बनाए गए हैं. देश में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोट के कारण जान गंवा देते हैं. एक सही मजबूत और ISI मार्क वाला हेलमेट आपकी जान बचा सकता है. अगर आपने ये सभी नियम सही ढंग से अपनाए हैं तो न केवल चालान से बच सकते हैं बल्कि खुद को सुरक्षित भी रख सकते हैं.
चालान से बचने के लिए अपनाएं ये ज़रूरी टिप्स
- हेलमेट को सिर पर पहनें हाथ में या हुक में ना रखें.
- हमेशा ISI मार्क वाला हेलमेट खरीदें और पहनें.
- हेलमेट पहनने के बाद चिन स्ट्रैप जरूर बांधें.
- हेलमेट सही साइज का और पूरा सिर ढकने वाला हो.
- टूटे पुराने या बिना वाइजर वाले हेलमेट न पहनें.
- पीछे बैठने वाले को भी हेलमेट जरूर पहनाएं.