Traffic Challan: भारत में वाहन चलाते समय ड्राइवर को कई यातायात नियमों का पालन करना होता है। इनमें हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, रेड लाइट पर रुकना, ओवर स्पीडिंग से बचना और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज साथ रखना शामिल हैं। इन नियमों को तोड़ने पर जुर्माना या चालान काटा जा सकता है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया और खबरों में चर्चा का विषय बना एक सवाल यह है कि क्या गाड़ी में कम तेल होने पर भी चालान कट सकता है ?
कम पेट्रोल पर चालान केरल की घटना ने खड़ा किया सवाल
इस चर्चा की शुरुआत साल 2022 में केरल की एक घटना से हुई। एक व्यक्ति श्याम तुलसी को ट्रैफिक पुलिस ने 250 रुपये का चालान थमा दिया। उन्हें यह चालान इसलिए दिया गया क्योंकि उन्होंने वनवे सड़क पर उल्टी दिशा में बाइक चलाई थी, लेकिन चालान की पर्ची में जो कारण लिखा था, वो हैरान करने वाला था “यात्रियों के साथ बिना पर्याप्त पेट्रोल के गाड़ी चलाना।”
श्याम ने जब ऑफिस पहुंचकर चालान देखा तो वो चौंक गए। उन्होंने इस मुद्दे को वकीलों के साथ साझा किया। सभी ने बताया कि कम पेट्रोल होने पर निजी वाहनों पर चालान का कोई प्रावधान नहीं है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी और लोगों के मन में भ्रम भी पैदा किया।
क्या सच में कम पेट्रोल पर चालान कट सकता है ?
इस सवाल का जवाब है – हां, लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
भारत के मोटर वाहन अधिनियम में ऐसा कोई स्पष्ट नियम नहीं है जो कहे कि वाहन में कम ईंधन होने पर चालान काटा जाए। लेकिन कमर्शियल वाहनों के मामले में नियम थोड़ा अलग है। कुछ परिस्थितियों में कम ईंधन को लेकर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई कर सकती है, लेकिन वो भी सवारी वाहन के संचालन से जुड़ी होती है।
नियम क्या कहता है निजी और कमर्शियल वाहनों में अंतर
- निजी वाहन (Private Vehicles):
अगर आप अपनी कार, बाइक या स्कूटर चला रहे हैं और उसमें पेट्रोल कम है, तो ट्रैफिक पुलिस आपको इस आधार पर चालान नहीं कर सकती। आपके पास बस पर्याप्त डॉक्यूमेंट्स होने चाहिए और वाहन की तकनीकी स्थिति ठीक होनी चाहिए। - कमर्शियल वाहन (Commercial Vehicles):
अगर कोई टैक्सी, ऑटो, बस या अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहन सवारियों को लेकर चला रहा है और रास्ते में पेट्रोल या डीजल खत्म हो जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है – तब ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है।
यह नियम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, ताकि बीच रास्ते में वाहन न रुक जाए और लोगों को परेशानी न हो।
चालान का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
कमर्शियल वाहनों के मामले में चालान काटने का उद्देश्य यह नहीं है कि तेल कम है, बल्कि यह है कि चालक ने सवारी बैठाने से पहले वाहन की पर्याप्त तैयारी नहीं की। यदि सवारियों के साथ वाहन बीच रास्ते में रुक जाए और उनकी सुरक्षा या समय पर पहुंचने में बाधा आए, तो यह सार्वजनिक सेवा में लापरवाही मानी जाती है। ऐसे मामलों में चालान पूरी तरह वैध है।
तकनीकी विकास ने बढ़ाया निगरानी का दायरा
आजकल सड़कों पर जगह-जगह स्पीड कैमरे, रेड लाइट सेंसर, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) जैसे उपकरण लगाए जा चुके हैं। इनके जरिए ओवरस्पीड, रेड लाइट जंप, बिना हेलमेट, मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग जैसे मामलों में ऑनलाइन चालान तुरंत कट जाता है। यही कारण है कि अब छोटी से छोटी लापरवाही भी ट्रैफिक नियमों के दायरे में आ जाती है।
चालान के मामले में ये बातें जानना जरूरी है
- चालान पर्ची ध्यान से पढ़ें:
कई बार पुलिस चालान का सही कारण नहीं बताती या गलत कोड डाल देती है। ऐसे में चालान मिलने के बाद उसकी पर्ची अच्छे से पढ़ें और कारण समझें। - आपत्ति हो तो करें अपील:
अगर आपको लगता है कि आपके साथ गलत चालान काटा गया है, तो आप ई-चलान पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं या मोटर वाहन न्यायालय (Traffic Court) में अपील कर सकते हैं। - नियम पढ़ना जरूरी है:
हर वाहन चालक को मोटर वाहन अधिनियम के जरूरी प्रावधानों की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे न केवल नियमों का पालन कर सकें बल्कि गलत चालान से भी बच सकें।
सोशल मीडिया पर गलत जानकारी से रहें सतर्क
अक्सर लोग सोशल मीडिया पर अधूरी या भ्रामक जानकारी साझा करते हैं जिससे भ्रम फैलता है। जैसे ही केरल की घटना सामने आई, कई लोगों ने मान लिया कि अब हर वाहन में तेल कम होगा तो चालान कट जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा नियम सिर्फ कमर्शियल वाहनों के लिए है, वो भी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए।
सावधानी जरूरी लेकिन डरने की नहीं जरूरत
वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। लेकिन यह भी जरूरी है कि हम सही जानकारी के आधार पर फैसले लें और भ्रम से बचें। कम पेट्रोल पर चालान का नियम केवल कमर्शियल वाहनों पर लागू होता है, वो भी तभी जब उससे सवारी को असुविधा हो।