भारत के इन बैंकों में पैसा रखना है ज़्यादा सुरक्षित, RBI भी करता है भरोसा! Safe Bank

Safe Bank: हाल ही में एक बैंक के डूबने की खबर से ग्राहकों में पैसों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी.
ऐसे में ग्राहकों की आशंकाओं को दूर करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन बैंकों को सबसे सुरक्षित घोषित किया है.
इस लिस्ट में 1 सरकारी और 2 निजी बैंक शामिल हैं, जिनमें ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित माना गया है.

ये हैं RBI द्वारा घोषित देश के सबसे सुरक्षित बैंक

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को
RBI ने ‘Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs)’ की सूची में फिर से शामिल किया है.
इन बैंकों को देश की वित्तीय व्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है.
यदि किसी कारणवश इन बैंकों पर संकट आता है, तो सरकार और RBI इन्हें बचाने के लिए तुरंत कदम उठाते हैं.

पिछले साल भी इन बैंकों को माना गया था सुरक्षित

RBI ने जानकारी दी है कि यह तीनों बैंक पिछले साल भी D-SIBs की सूची में शामिल थे.
इस लिस्ट में शामिल बैंकों को घरेलू वित्तीय सिस्टम की रीढ़ माना जाता है और
इन बैंकों का डूबना पूरे सिस्टम के लिए जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए इन्हें अतिरिक्त सुरक्षा कवच दिया जाता है.

यह भी पढ़े:
लगातार 3 दिनों की सरकारी छुट्टी घोषित, जारी हुए सरकारी आदेश Public Holiday

2014 में शुरू हुई थी D-SIBs की लिस्ट

RBI ने D-SIBs की अवधारणा को वर्ष 2014 में लागू किया था,
ताकि देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखा जा सके.

2015 में SBI,

2016 में ICICI बैंक,

यह भी पढ़े:
24K सोने की कीमत में गिरावट, जाने आपके शहर में सोने का ताजा भाव Gold Silver Price

और 2017 में HDFC बैंक को इस सूची में जोड़ा गया था.
तब से लेकर अब तक यह तीनों बैंक इस लिस्ट का हिस्सा बने हुए हैं.

हर बैंक को तय करनी होती है अतिरिक्त पूंजी

इन बैंकों को उनकी महत्ता के आधार पर बकेट (Bucket) में बांटा गया है, जिसके अनुसार उन्हें अतिरिक्त पूंजी (CET 1) बनाए रखनी होती है:

SBI (Bucket 4): 0.80% अतिरिक्त CET 1 पूंजी मेंटेन करनी होती है.

यह भी पढ़े:
The Lincoln Wheat Penny Worth $800 Million, Still in Circulation

HDFC Bank (Bucket 2): 0.40% अतिरिक्त CET 1 बनाए रखना होता है.

ICICI Bank (Bucket 1): 0.20% अतिरिक्त पूंजी बनाए रखनी होती है.

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंक किसी भी वित्तीय झटके को झेल सकें.

यह भी पढ़े:
The Lincoln Wheat Penny Valued at $7.6 Million, Still in Demand for Collectors

अधिक पूंजी बनाए रखने की होती है अनिवार्यता

D-SIBs में शामिल बैंकों को आम बैंकों के मुकाबले अधिक पूंजी बनाए रखने की जिम्मेदारी दी जाती है.
इसका उद्देश्य यह है कि अगर कोई संकट आता है, तो बैंक अपने संसाधनों से स्थिति संभाल सकें.
31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर RBI ने इस सूची को अंतिम रूप दिया है.

बैंक डूबने पर कितने पैसे मिलते हैं वापस?

RBI के मौजूदा नियमों के अनुसार, यदि कोई बैंक डूबता है तो
प्रत्येक ग्राहक को अधिकतम ₹5 लाख की बीमा राशि के तौर पर भुगतान किया जाता है.
यदि खाते में ₹5 लाख या उससे कम राशि है, तो वह पूरी मिलती है.
लेकिन अगर खाता राशि ₹5 लाख से अधिक है, तो केवल ₹5 लाख तक की ही गारंटी होती है.

यह भी पढ़े:
Washington Quarter From 1932 Is Suddenly Worth $800K, , Still in Circulation

Leave a Comment

WhatsApp Group