Children Aadhaar Card Process: आज के समय में आधार कार्ड भारत में सबसे जरूरी पहचान पत्र बन चुका है। बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बनाना उतना ही जरूरी है जितना वयस्कों के लिए। UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) अब नवजात शिशुओं का भी आधार कार्ड बनाती है, जिसे आमतौर पर बाल आधार या ब्लू आधार कार्ड कहा जाता है। यह दस्तावेज भविष्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
यूनिक आईडी आपका पहचान पत्र
आधार कार्ड एक 12 अंकों की यूनिक आईडी है, जिसे UIDAI जारी करता है। इसमें:
- नाम
- जन्मतिथि
- पता
- बायोमेट्रिक डाटा (फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन)
जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं। यही कार्ड कई सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार बनता है।
बाल आधार या ब्लू आधार कार्ड क्या है ?
नवजात और छोटे बच्चों के लिए बनाया गया आधार कार्ड बाल आधार या ब्लू आधार कहलाता है। बच्चों के आधार कार्ड में:
- बर्थ सर्टिफिकेट
- माता-पिता के आधार कार्ड की डिटेल्स
- जन्म अस्पताल से जारी पत्र
के आधार पर जानकारी ली जाती है। इस कार्ड का रंग नीला (ब्लू) होता है, जिससे इसे वयस्क आधार से अलग पहचाना जाता है।
बच्चों के लिए आधार कार्ड क्यों है जरूरी ?
बच्चों का आधार कार्ड कई जगहों पर काम आता है, जैसे:
- स्कूल एडमिशन में
- बैंक खाता खोलने के लिए
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए
- स्वास्थ्य सेवाओं में पंजीकरण के लिए
- पासपोर्ट बनाने में
इसलिए समय पर बच्चों का आधार कार्ड बनवाना बेहद जरूरी है।
बच्चों का आधार बनवाने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत ?
बाल आधार कार्ड के लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट
- माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड
- बच्चे के जन्म के अस्पताल का प्रमाण पत्र या डिस्चार्ज स्लिप
इन दस्तावेजों के साथ आप आसानी से अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवा सकते हैं।
बाल आधार कार्ड बनवाने की ऑनलाइन प्रक्रिया
अगर आप अपने बच्चे का आधार बनवाना चाहते हैं, तो प्रक्रिया इस प्रकार है:
- UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in पर जाएं।
- Aadhaar Card Registration पर क्लिक करें।
- बच्चे की जानकारी जैसे नाम, माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- एड्रेस और राज्य से जुड़ी जानकारी भरें।
- इसके बाद नजदीकी UIDAI केंद्र पर जाकर दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कराएं।
- वेरिफिकेशन के बाद बच्चे का आधार कार्ड तैयार कर दिया जाएगा।
बच्चों के आधार कार्ड को क्यों और कब कराना चाहिए अपडेट ?
UIDAI के नियमों के अनुसार, बच्चों के आधार कार्ड में दो बार बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है:
- पहली बार जब बच्चा 5 साल का हो।
- दूसरी बार जब बच्चा 15 साल का हो।
इस प्रक्रिया को Mandatory Biometric Update (MBU) कहा जाता है। इस दौरान बच्चे के:
- फिंगरप्रिंट
- आईरिस स्कैन
- नई फोटो
को फिर से रिकॉर्ड किया जाता है।
5 साल के बाद बायोमेट्रिक अपडेट क्यों जरूरी है ?
जब बच्चा 5 साल का होता है, तब उसके फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन विकसित हो जाते हैं। इससे पहले के बाल आधार में बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता। इसलिए 5 साल पूरे होते ही बायोमेट्रिक अपडेट कराना जरूरी होता है ताकि भविष्य में आधार का उपयोग सही तरीके से हो सके।
15 साल की उम्र में दूसरा अपडेट क्यों ?
बच्चों के शरीर में 15 साल की उम्र तक कई परिवर्तन होते हैं, जिससे उनके बायोमेट्रिक्स भी बदल सकते हैं। इसी वजह से 15 साल पर:
- नए फिंगरप्रिंट
- नया आईरिस स्कैन
- नई फोटो
लेकर आधार कार्ड को पूरी तरह से वयस्क आधार कार्ड में बदल दिया जाता है।
बायोमेट्रिक अपडेट का खर्चा कितना है ?
- 5 और 15 साल की उम्र में होने वाला बायोमेट्रिक अपडेट बिलकुल मुफ्त है।
- अगर आप अन्य किसी गलती (जैसे नाम या जन्मतिथि में सुधार) के लिए अपडेट कराते हैं, तो मामूली शुल्क (लगभग ₹50) देना पड़ सकता है।
अगर समय पर अपडेट नहीं कराया तो क्या समस्याएं आ सकती हैं ?
अगर बच्चों के आधार कार्ड को समय पर अपडेट नहीं कराया गया, तो:
- स्कूल/कॉलेज में एडमिशन में परेशानी आ सकती है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन में अड़चन आ सकती है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में बाधा आएगी।
- बैंक खाता खुलवाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए बच्चों का आधार अपडेट कराना बेहद जरूरी है।
बच्चों का आधार कार्ड समय पर बनवाएं और अपडेट कराएं
आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड सिर्फ पहचान पत्र नहीं, बल्कि सरकारी सेवाओं का आधार बन चुका है। बच्चों का आधार कार्ड बनवाना और समय पर बायोमेट्रिक अपडेट कराना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि उनके भविष्य के लिए भी बेहद जरूरी है। अगर आपने अब तक अपने बच्चे का आधार कार्ड नहीं बनवाया है या अपडेट नहीं कराया है, तो जल्दी से प्रक्रिया पूरी करें और किसी भी असुविधा से बचें।