Teacher Dairy Mandatory: हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए एक बड़ा और अहम बदलाव लागू कर दिया है. अब सभी शिक्षक ऑनलाइन ‘टीचर्स डायरी’ भरना अनिवार्य रूप से करेंगे. जिसमें वे बताएंगे कि विद्यार्थियों को क्या पढ़ाया, कैसे पढ़ाया और आगे क्या पढ़ाने का प्लान है. यह डायरी हर दिन MIS (मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. जिससे शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी भी इसकी निगरानी कर सकें.
हर शिक्षक की डायरी मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक होगी चेक
इस डिजिटल डायरी को लेकर सरकार का मकसद सिर्फ़ पढ़ाई के ट्रैक रिकॉर्ड तक सीमित नहीं है. बल्कि अब हर एक शिक्षक की पढ़ाई की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी.
- डायरी को स्कूल इंचार्ज (हेड टीचर/प्रिंसिपल) द्वारा वेरिफाई किया जाएगा.
- जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारी भी इसे नियमित रूप से चेक करेंगे.
- मुख्यालय से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव तक को यह डायरी कभी भी ऑनलाइन देखने की सुविधा रहेगी.
पहले अपनी सुविधा से लिखते थे शिक्षक
अब तक सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी सहूलियत से डायरी भरते थे.
- कुछ शिक्षक कक्षा में पढ़ाए गए पाठ्यक्रम को डायरी में दर्ज करते थे.
- कुछ अगले दिन की प्लानिंग और गतिविधियों को उसमें लिखते थे.
लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी कर दी है. मंगलवार को आदेश जारी हुए और बुधवार से ही यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई है.
अब हर दिन अपडेट होगी डिजिटल डायरी
टीचर्स डायरी में शिक्षक यह दर्ज करेंगे कि
- अगले एक सप्ताह, दस दिन या पंद्रह दिन में वे विद्यार्थियों को क्या पढ़ाने वाले हैं.
- अगले दिन की प्लानिंग भी डायरी में हो सकती है.
- डायरी में सिर्फ पाठ्यक्रम ही नहीं, पढ़ाने का तरीका, प्रयोग, फार्मूला और रचनात्मक गतिविधियां भी लिखनी होंगी.
- अगर कोई शिक्षक चाहें तो हर दिन भी अपडेट कर सकते हैं. जिससे डायरी अद्यतन बनी रहेगी.
स्कूल बदला तो डायरी की एंट्री भी रीसेट होगी
अगर किसी शिक्षक का स्थानांतरण (ट्रांसफर) होता है, तो पुराने स्कूल की डायरी की सारी एंट्री ऑटोमेटिकली हट जाएंगी और नए स्कूल के अनुसार ही नई डायरी एंट्री शुरू होगी.
यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक स्कूल में शिक्षक की भूमिका और ज़िम्मेदारी पारदर्शी बनी रहे.
डायरी की निगरानी और सत्यापन की व्यवस्था होगी सख्त
शिक्षकों की डायरी को सिर्फ भरना ही नहीं. बल्कि इसे स्कूल इंचार्ज द्वारा नियमित रूप से सत्यापित (वेरिफाई) भी किया जाएगा.
- अगर किसी डायरी को रिजेक्ट किया जाता है, तो इंचार्ज को कारण भी बताना अनिवार्य होगा.
- शिक्षा विभाग ने यह भी तय किया है कि नियमित चेकिंग न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.
डायरी नहीं भरने पर होगी विभागीय कार्रवाई
नई व्यवस्था में किसी शिक्षक द्वारा डेली डायरी नहीं भरने पर उस पर कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.
- जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारी इसकी साप्ताहिक समीक्षा करेंगे.
- ऐसा नहीं करने पर, शिक्षक के प्रमोशन, इन्क्रीमेंट या अन्य सुविधाओं पर असर पड़ सकता है.
सामान्य तबादला अभियान में मिलेगी छूट
सरकार ने शिक्षकों को भी ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट किया है कि सामान्य स्थानांतरण अभियान के दौरान डायरी जमा करने से छूट दी जाएगी.
इसका उद्देश्य यह है कि जब कोई शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया से गुजर रहा हो, तो उसे डायरी अपडेट करने का अतिरिक्त बोझ न हो.
शिक्षकों के लिए क्या होंगे इसके लाभ?
हालांकि कुछ शिक्षकों को यह व्यवस्था प्रारंभ में अतिरिक्त कार्यभार जैसी लगे. लेकिन इसके कई फायदे हैं:
- पढ़ाई की योजना बनाना आसान होगा.
- विद्यार्थियों की सीखने की प्रगति पर निगरानी रखने में सुविधा होगी.
- शिक्षा अधिकारियों को वास्तविकता का पता चलेगा और संसाधन बेहतर ढंग से वितरित किए जा सकेंगे.
- ई-गवर्नेंस की दिशा में यह एक सशक्त कदम माना जाएगा.
शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने का प्रयास
- हरियाणा सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने वाला है.
- इससे शिक्षा प्रणाली में मानक (स्टैंडर्ड) तैयार होंगे और रेंडम चेकिंग से गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी.
- अब शिक्षकों को सिर्फ कक्षा में ही नहीं. बल्कि अपने शिक्षण कार्य की रिपोर्टिंग में भी सजग रहना होगा.