RBI Big Action: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अहमदाबाद स्थित ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही भविष्य में कमाई की संभावना। यह फैसला ग्राहकों की जमा राशि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
क्यों हुआ लाइसेंस रद्द ?
RBI के अनुसार, बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की आवश्यक शर्तों को पूरा करने में विफल रहा। बैंक के पास न्यूनतम पूंजी नहीं बची थी, जिससे वह अपने जमाकर्ताओं को पैसा लौटाने की स्थिति में नहीं था। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक का आगे संचालन जनता के हित में नहीं होगा।
डीआईसीजीसी से मिलेगा 5 लाख तक का इंश्योरेंस क्लेम
RBI के आदेश के मुताबिक, बैंक को अब बंद किया जाएगा और इसके लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त किया जाएगा। बैंक के बंद होने के बाद ग्राहक ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC)’ के माध्यम से अधिकतम ₹5 लाख तक की राशि प्राप्त कर सकते हैं।
98.51% जमाकर्ता पूरी राशि के पात्र
आरबीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 98.51% जमाकर्ता डीआईसीजीसी इंश्योरेंस क्लेम के तहत अपनी जमा राशि पूरी तरह से प्राप्त कर सकेंगे। यानी अधिकांश ग्राहकों की पूंजी सुरक्षित मानी जा सकती है।
13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है
31 मार्च 2024 तक DICGC ने बैंक के जमाकर्ताओं को ₹13.94 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। इसका मतलब है कि रिजर्व बैंक ने इस संकट से निपटने के लिए समय रहते तैयारी कर ली थी।
16 अप्रैल से बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह बंद
लाइसेंस रद्द होने के बाद 16 अप्रैल 2025 से बैंक ने अपने सभी बैंकिंग कार्य बंद कर दिए हैं। अब बैंक न तो कोई नया खाता खोलेगा, न ही जमा लेगा और न ही किसी को भुगतान करेगा। सभी सेवाएं स्थायी रूप से बंद हो चुकी हैं।
जमाकर्ताओं को क्या करना चाहिए ?
अगर आपकी जमा राशि कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक में है, तो आप निम्नलिखित कदम उठाएं:
- डीआईसीजीसी पोर्टल पर जाकर क्लेम फॉर्म डाउनलोड करें।
- संबंधित दस्तावेज जैसे पासबुक, पहचान पत्र और खाता जानकारी तैयार रखें।
- बैंक द्वारा घोषित प्रक्रिया के अनुसार क्लेम फॉर्म जमा करें।
- किसी भी संदेह की स्थिति में RBI या DICGC की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
रिज़र्व बैंक की सख्त निगरानी जारी
यह पहला मौका नहीं है जब आरबीआई ने किसी सहकारी बैंक पर कार्रवाई की हो। हाल के दिनों में कई बैंकों पर पेनाल्टी, लाइसेंस सस्पेंशन और बंद करने जैसे फैसले लिए गए हैं। इसका मकसद केवल एक है – ग्राहकों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखना।
सतर्क रहें अपडेट रहें
कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होना यह स्पष्ट संकेत देता है कि सहकारी बैंकों को भी मजबूत वित्तीय आधार और पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। आम जनता को भी बैंक चुनते समय सतर्क रहना चाहिए और ऐसे संस्थानों में निवेश करना चाहिए जो आरबीआई के सभी मानकों पर खरे उतरते हों।