NEED TO GET COINS: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में 1 और 2 रुपए के सिक्कों को दुकानदारों द्वारा न लेने की बढ़ती शिकायतों के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. ग्राहकों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा था कि जब वे दुकानदारों को 1 और 2 के सिक्के देते हैं, तो वे यह कहकर लेने से इनकार कर देते हैं कि “ये सिक्के अब चलन में नहीं हैं.”
अब जिला प्रशासन ने इस पर सख्त चेतावनी जारी की है. जिसमें साफ कहा गया है कि कोई भी दुकानदार या व्यापारी अगर इन सिक्कों को लेने से मना करता है, तो उस पर देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.
अपर कलेक्टर का बयान
अंबिकापुर के अपर कलेक्टर सुनील नायक ने जानकारी दी कि जिले में कई व्यापारियों द्वारा 1 और 2 रुपए के सिक्कों को लेने से मना किया जा रहा है.
- मीडिया और आम लोगों की शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने संज्ञान लिया है.
- उन्होंने साफ किया कि ये सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त वैध मुद्रा हैं.
- जब तक भारत सरकार या RBI इन्हें औपचारिक रूप से बंद नहीं करता, तब तक कोई भी इनका लेनदेन करने से मना नहीं कर सकता.
क्या है वैधानिक स्थिति?
अपर कलेक्टर के मुताबिक यदि कोई दुकानदार या व्यापारी इन सिक्कों को लेने से इंकार करता है तो:
- यह कृत्य भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124-A (राजद्रोह)
- और संशोधित भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152 के अंतर्गत गंभीर अपराध माना जाएगा.
यह पहली बार है जब सिक्के न लेने पर इतनी सख्त वैधानिक चेतावनी दी गई है.
क्यों मच रहा था सिक्कों को लेकर इतना बवाल?
दरअसल, सरगुजा संभाग खासकर अंबिकापुर शहर में पिछले कुछ महीनों से दुकानदार 1 और 2 रुपए के सिक्के नहीं ले रहे थे.
- छोटे दुकानदार, ठेलेवाले यहां तक कि भिखारी भी इन सिक्कों को लेने से इनकार कर रहे थे.
- इस कारण से सिक्के बाजार से गायब होते जा रहे थे.
- इसका सीधा असर आम ग्राहकों पर पड़ रहा था. क्योंकि 8 या 9 रुपए की वस्तु सीधे 10 रुपए में बेची जा रही थी.
- या फिर ग्राहक को जबरन कोई और वस्तु दे दी जाती थी. जिससे उन्हें नुकसान हो रहा था.
व्यापारियों को हो रहा था सीधा फायदा
जब ग्राहक को पूरा रिटर्न नहीं मिलता, तो वह नुकसान सहता है. जबकि व्यापारी को फालतू में अतिरिक्त मुनाफा हो जाता है.
- इस व्यवहार से न केवल बाजार में असमानता फैल रही थी. बल्कि ग्राहकों के अधिकारों का भी हनन हो रहा था.
- इसलिए जिला प्रशासन ने इसे एक सामाजिक और आर्थिक अनुशासन का उल्लंघन माना और सख्त कदम उठाने का फैसला किया.
प्रशासन की सख्त चेतावनी
अपर कलेक्टर ने साफ कहा कि:
“1 और 2 के सिक्के पूरी तरह से मान्य हैं. यदि कोई व्यापारी या दुकानदार इसे लेने से इनकार करता है. तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.”
प्रशासन ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे ग्राहकों को परेशान न करें और सभी सिक्कों को मान्यता दें.
RBI का क्या कहना है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले भी कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि:
- 1 रुपए से लेकर 10 रुपए तक के सभी सिक्के वैध मुद्रा हैं.
- आम जनता, बैंक और व्यापारी इनका लेन-देन करने से मना नहीं कर सकते.
- RBI की वेबसाइट और विज्ञापनों में भी समय-समय पर यह जानकारी दी जाती रही है.
इसके बावजूद भी यदि दुकानदार इन सिक्कों को लेने से इनकार करते हैं, तो यह देश की मौद्रिक प्रणाली के खिलाफ काम करना माना जाएगा.
अब दुकानदार नहीं कर पाएंगे मनमानी
अब जब प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिक्के न लेना गंभीर अपराध है, तो उम्मीद की जा रही है कि दुकानदार इस आदेश का पालन करेंगे.
ग्राहकों को भी सलाह दी जा रही है कि:
- यदि कोई दुकानदार सिक्के लेने से मना करे, तो उसकी वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग करें.
- और फिर उसकी शिकायत जिला प्रशासन या कलेक्टर कार्यालय में दर्ज कराएं.
लोगों की प्रतिक्रिया
अंबिकापुर के एक ग्राहक नीरज वर्मा ने कहा “पहले दुकानदार सिक्के नहीं लेते थे और हमें जबरदस्ती ज्यादा पैसा देना पड़ता था. अब प्रशासन के निर्देश के बाद हम निश्चिंत हैं कि हमारे पैसे को कोई नकार नहीं सकेगा.”