Delhi School Notice: दिल्ली में दिन-प्रतिदिन बढ़ती गर्मी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए ताजा दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा गुरुवार को जारी सर्कुलर में स्कूलों से कहा गया है कि वे बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए ठोस इंतजाम करें और उनकी सेहत का विशेष ध्यान रखें। सरकार का यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्या-क्या हैं नए दिशा-निर्देश ?
स्कूलों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कई महत्वपूर्ण कदमों पर जोर दिया गया है, जैसे:
- सुबह की सभा (Morning Assembly) स्थगित कर दी जाए या सीमित समय के लिए इनडोर आयोजित की जाए।
- स्कूल में सभी बाहरी गतिविधियों (Outdoor Activities) पर रोक लगाई जाए, खासकर दोपहर के समय।
- बच्चों को गर्मी से जुड़ी बीमारियों के खतरों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाए।
यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य को गर्मी से होने वाले संभावित नुकसान से बचाने के लिए बेहद जरूरी माने जा रहे हैं।
स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य
सर्कुलर में स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है कि:
- सभी स्कूलों में स्वच्छ और ठंडा पीने का पानी उपलब्ध रहे।
- पानी पीने के लिए प्रॉपर वाटर स्टेशनों की व्यवस्था की जाए।
- स्कूलों को छात्रों के लिए दिन में निर्धारित पानी ब्रेक देने का भी सुझाव दिया गया है ताकि बच्चे पूरे दिन हाइड्रेटेड रह सकें।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों के शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को रोकना है, जो गर्मी में एक आम समस्या बन जाती है।
सिर को ढकने की दी गई सलाह
सरकार ने यह भी सलाह दी है कि:
- स्कूल छात्रों को प्रोत्साहित करें कि वे बाहर निकलते समय टोपी, स्कार्फ या छाता का इस्तेमाल करें।
- बच्चों को हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनने की सलाह दी जाए ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे।
ये छोटे-छोटे उपाय बच्चों को हीट स्ट्रोक जैसे खतरनाक हालात से बचा सकते हैं।
प्राथमिक चिकित्सा किट में हो ओआरएस की उपलब्धता
सर्कुलर के मुताबिक:
- स्कूलों को अपनी प्राथमिक चिकित्सा किट (First Aid Kit) में ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) भी रखना अनिवार्य किया गया है।
- यदि किसी बच्चे में गर्मी से जुड़ी बीमारी के लक्षण दिखाई दें, जैसे चक्कर आना, कमजोरी, या बेहोशी, तो उसे तुरंत ORS दिया जाए।
- गंभीर स्थिति में निकटतम अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र से तुरंत संपर्क किया जाए।
यह कदम बच्चों की तत्काल मदद सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
गर्मी से जुड़ी बीमारियों के बारे में छात्रों को किया जाएगा जागरूक
दिल्ली सरकार ने स्कूल प्रबंधन से कहा है कि वे:
- बच्चों को गर्मी से होने वाली बीमारियों जैसे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और सनबर्न के बारे में जानकारी दें।
- उन्हें गर्मी से बचाव के आसान तरीके जैसे पानी पीना, धूप में कम जाना, ठंडे स्थान पर रहना सिखाएं।
इस तरह बच्चों को स्वयं अपनी देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था पर भी जोर
दिल्ली शिक्षा विभाग ने स्कूलों को यह भी निर्देशित किया है कि:
- स्कूल भवनों में फायर सेफ्टी उपकरण जैसे फायर एक्सटिंग्विशर पूरी तरह से चालू हालत में रहें।
- गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ने की संभावना को देखते हुए फायर सेफ्टी ड्रिल्स का आयोजन समय-समय पर किया जाए।
यह कदम स्कूलों की आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करेगा।
अभिभावकों की भूमिका भी अहम
सरकार ने अभिभावकों से भी अपील की है कि:
- वे बच्चों को स्कूल भेजते समय उनकी पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करें।
- बच्चों को घर से पानी की बोतल, टोपी या स्कार्फ के साथ भेजें।
- यदि बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल भेजने से बचें और चिकित्सीय सलाह लें।
बच्चों की सुरक्षा में स्कूल और अभिभावकों दोनों की साझा जिम्मेदारी है।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
दिल्ली सरकार का यह निर्णय मौजूदा मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए बिल्कुल उचित और समय पर है।
बच्चों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
स्कूल प्रशासन, शिक्षक, अभिभावक और स्वयं बच्चे भी मिलकर इन दिशा-निर्देशों का पालन करें, तभी हम इस भीषण गर्मी के मौसम में बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ रख पाएंगे।