HomeGuard Jobs: पंजाब सरकार ने राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की है कि पंजाब होम गार्ड्स के बॉर्डर विंग में 5500 जवानों की भर्ती की जाएगी। यह कदम दूसरी सुरक्षा पंक्ति को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है, ताकि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को रोका जा सके।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी चौकसी
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पंजाब में शत्रु ताकतों के मंसूबों को विफल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता जताई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बीएसएफ के साथ-साथ अब पंजाब में राज्य स्तर पर भी प्रभावशाली सुरक्षा ढांचा तैयार किया जाएगा।
बीएसएफ के साथ सहयोग में काम करेगी राज्य की सुरक्षा टीम
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहले से ही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) तैनात है, लेकिन कुछ स्थानों पर सुरक्षा की दूसरी परत की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह नई योजना बीएसएफ के पीछे एक मजबूत सुरक्षा दीवार की तरह काम करेगी, जिससे कोई भी संदिग्ध गतिविधि या घुसपैठ दूसरी पंक्ति में ही पकड़ी जा सके।
किन जिलों में तैनात होंगे नए होम गार्ड्स ?
मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशानुसार, ये 5500 होम गार्ड्स पंजाब के सात सीमावर्ती जिलों में तैनात किए जाएंगे। ये जिले हैं:
- गुरदासपुर
- पठानकोट
- अमृतसर
- तरनतारण
- फिरोजपुर
- फाजिल्का
- कपूरथला
इन जिलों की भौगोलिक स्थिति और सीमावर्ती संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए तैनाती की जाएगी।
क्या होगी इन जवानों की भूमिका ?
नए भर्ती किए जाने वाले होम गार्ड्स की भूमिका होगी:
- सीमा पर गश्त करना
- संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग
- बीएसएफ और पंजाब पुलिस के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक निगरानी तंत्र को मजबूत करना
- ड्रोन और सुरंग जैसी नई घुसपैठ तकनीकों पर नजर रखना
यह फोर्स बीएसएफ की मुख्य सुरक्षा पंक्ति के बाद आने वाली इंटेलिजेंस आधारित निगरानी यूनिट के रूप में काम करेगी।
भर्ती प्रक्रिया और योग्यता क्या होगी ?
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस भर्ती प्रक्रिया के तहत:
- उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक फिटनेस और स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य होंगे।
- भर्ती में पूर्व सैनिकों, युवाओं, और स्थानीय ग्रामीण युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- जवानों को आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल, ड्रोन तकनीक, कम्युनिकेशन सिस्टम और इमरजेंसी रिस्पॉन्स की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
सीमा क्षेत्रों के ग्रामीणों में सुरक्षा का नया विश्वास
इस कदम से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ेगा। कई गांव ऐसे हैं जो सीमा के एकदम करीब बसे हैं, जहां बीएसएफ की निगरानी तो होती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर समय रहते एक्शन लेने में दिक्कत आती थी। अब होम गार्ड्स की तैनाती से रात और दिन दोनों समय की निगरानी संभव होगी।
‘मेक पंजाब सेफ’ विजन के तहत बड़ा कदम
यह भर्ती और सुरक्षा योजना मुख्यमंत्री भगवंत मान के ‘मेक पंजाब सेफ’ मिशन का हिस्सा है। राज्य सरकार चाहती है कि पंजाब को ड्रग्स, आतंक और सीमा पार घुसपैठ जैसी समस्याओं से पूरी तरह सुरक्षित किया जाए। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को नीचे से ऊपर तक आधुनिक और जनसहभागिता आधारित बनाया जा रहा है।
सुरक्षा के साथ रोजगार का भी मिलेगा मौका
5500 जवानों की भर्ती से राज्य में रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं को इस योजना से ना सिर्फ नौकरी मिलेगी, बल्कि राज्य की सेवा करने का गर्व भी मिलेगा। इस योजना के ज़रिए सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार और देशसेवा दोनों को जोड़ने का प्रयास किया है।
पंजाब की सीमाएं होंगी अब और सुरक्षित
पंजाब सरकार द्वारा सीमा सुरक्षा के लिए 5500 होम गार्ड्स की भर्ती का निर्णय राज्य के लिए सुरक्षा और स्थायित्व की दिशा में एक सशक्त कदम है। यह कदम न केवल आतंकवाद और घुसपैठ को रोकने में मदद करेगा, बल्कि राज्य की सीमाओं पर स्थानीय समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा। आने वाले समय में यह मॉडल पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है।