Kisan Solar Pump: हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती को टिकाऊ बनाने के लिए एक के बाद एक योजनाएं लेकर आ रही है. अब सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत किसानों से सोलर पंप के लिए आवेदन मांगे गए हैं, जो कि कल से 21 अप्रैल 2025 तक लिए जाएंगे.
कैसे करें आवेदन?
जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं. वे सरल पोर्टल (Saral Portal) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय किसान को अपनी जरूरत के अनुसार सोलर पंप की क्षमता का चयन करना होगा और साथ ही मनपसंद कंपनी भी चुननी होगी. इससे उन्हें भरोसेमंद उत्पाद और सेवाएं मिलेंगी.
इन शर्तों को मानना जरूरी, तभी मिलेगा लाभ
सरकार द्वारा तय की गई कुछ शर्तें हैं. जिन्हें पूरा करने वाले किसान ही इस योजना के पात्र होंगे. आइए जानें कौन से नियमों का पालन जरूरी है:
- परिवार पहचान पत्र (PPP): आवेदक किसान के पास हरियाणा सरकार द्वारा जारी परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है.
- पहले से सोलर कनेक्शन नहीं होना चाहिए: किसान के नाम पर या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम पर पहले से कोई सोलर पंप या कनेक्शन नहीं होना चाहिए.
- बिजली आधारित पंप नहीं होना चाहिए: जिन किसानों के पास पहले से बिजली से चलने वाला पंप है. वे इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे.
- कृषि भूमि की कानूनी स्थिति: किसान के नाम पर कृषि भूमि की जमाबन्दी या फर्द नहीं होनी चाहिए. यानी भूमि वैध रूप से किसान के नाम होनी चाहिए.
किन क्षेत्रों के किसान नहीं होंगे पात्र?
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (HWRA) द्वारा किए गए भूजल सर्वेक्षण के आधार पर कुछ क्षेत्रों को इस योजना से बाहर रखा गया है. जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है और वहां सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (Micro Irrigation System) को अनिवार्य किया गया है. उन गांवों के किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है. इसके साथ ही धान उगाने वाले किसान जिनके क्षेत्र में भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे पहुंच चुका है. वे भी इस योजना के लिए अयोग्य माने जाएंगे.
सोलर पंप से होंगे कई फायदे
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत मिलने वाले सोलर पंप किसानों के लिए कई मायनों में लाभकारी हैं:
- बिजली पर निर्भरता कम होगी. जिससे बिजली बिलों में राहत मिलेगी.
- पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत का इस्तेमाल बढ़ेगा.
- जिन इलाकों में बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं होती. वहां सोलर पंप एक कारगर विकल्प है.
- कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. क्योंकि किसान अपनी जरूरत के अनुसार सिंचाई कर सकेंगे.
योजना से जुड़े तकनीकी पहलू भी ध्यान में रखें
जब किसान पोर्टल पर आवेदन करें, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने जो सोलर पंप की क्षमता चुनी है. वह उनकी भूमि और पानी की जरूरतों के अनुसार उपयुक्त हो. साथ ही कंपनी का चयन भी ध्यानपूर्वक करें. ताकि सेवा और रखरखाव में परेशानी न हो.
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार इस योजना के माध्यम से न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहती है. बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देना चाहती है. सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में अधिक से अधिक किसान परंपरागत सिंचाई पद्धति से हटकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई की ओर बढ़ें.