New 6 Lane Bypass: पंजाब के लाखों लोगों को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब केंद्र सरकार ने 6 लेन वाले जीरकपुर बाईपास के निर्माण को हरी झंडी दे दी. यह बाईपास 19.2 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी अनुमानित लागत 1,878.31 करोड़ रुपये बताई गई है. इस बाईपास के बन जाने से जीरकपुर और पंचकूला जैसे ट्रैफिक से जूझते क्षेत्रों को जाम से राहत मिलेगी और आवागमन पहले से कहीं अधिक सुगम हो जाएगा.
कहां से कहां तक बनेगा नया बाईपास?
केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किए गए इस बाईपास की शुरुआत जीरकपुर-पटियाला हाईवे से होगी और यह बाईपास जीरकपुर-परवाणू हाईवे तक जाएगा.
इस बाईपास के ज़रिए
- पटियाला, मोहाली, दिल्ली और एयरोसिटी की ओर से आने वाला ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा.
- साथ ही हिमाचल प्रदेश और परवाणू की तरफ जाने वाले वाहनों को भी सीधा और तेज़ रूट मिलेगा.
इससे न केवल जीरकपुर, बल्कि आसपास के मोहाली, पंचकूला, डेराबस्सी और परवाणू जैसे क्षेत्रों को भी लाभ होगा.
क्यों जरूरी था यह प्रोजेक्ट?
जीरकपुर-पंचकूला क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि की वजह से ट्रैफिक का केंद्र बन गया है.
- दिन के व्यस्त समय में यहां जाम की स्थिति आम बात हो गई है.
- खासकर शंभू बॉर्डर से पंचकूला की ओर जाने वाले वाहनों को कई बार घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है.
- इसके अलावा मोहाली एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्रियों को भी भारी परेशानी होती है.
इसलिए इस बाईपास का निर्माण अब समय की मांग बन गया था.
6 लेन का आधुनिक बाईपास
इस बाईपास को 6 लेन का बनाया जाएगा. जिससे भारी वाहनों के साथ-साथ हल्के वाहनों की स्मूद मूवमेंट सुनिश्चित की जा सके.
इस परियोजना में कई आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी:
- एलिवेटेड सेक्शन और फ्लाईओवर
- सर्विस रोड और फुटपाथ
- ड्रेनेज सिस्टम और सिग्नल फ्री इंटरचेंज
- पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ग्रीन बेल्ट और साउंड बैरियर की भी योजना है.
दिल्ली-हिमाचल के बीच सीधा और कम समय वाला रूट
इस बाईपास से न केवल पंजाब को फायदा होगा. बल्कि दिल्ली से हिमाचल जाने वाले यात्रियों को भी सीधी और तेज़ सड़क मिलेगी.
- वर्तमान में जीरकपुर के भीतर से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक समय और ईंधन दोनों की बर्बादी करता है.
- नया बाईपास इन समस्याओं को हल करेगा और क्लीन और क्लियर ट्रैवलिंग एक्सपीरियंस देगा.
आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों को भी मिलेगा बढ़ावा
बाईपास बनने से सिर्फ यात्री ही नहीं. बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बड़ा फायदा मिलेगा.
- ट्रांसपोर्टरों को तेज़ और सुगम मार्ग मिलेगा
- औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ा माल समय पर पहुंचाया जा सकेगा
- जीरकपुर और पंचकूला के बाजारों पर जाम का असर नहीं पड़ेगा
- इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे
आसपास के इलाकों का होगा कायाकल्प
यह बाईपास क्षेत्र के अविकसित क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाएगा.
- रियल एस्टेट और आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा
- बाईपास के किनारे नई दुकानें, पेट्रोल पंप, ढाबे और होटल भी खुलेंगे
- इससे जीरकपुर, लोहगढ़, ढकौली जैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेज़ होंगी
पर्यावरण पर भी होगा सकारात्मक असर
शहर के अंदर से निकलने वाले भारी वाहनों को अब बाईपास से बाहर निकालने से
- वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी
- शहर के अंदर की सड़कों का रख-रखाव बेहतर होगा
- पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों की सुरक्षा में सुधार होगा
कब तक पूरा होगा बाईपास प्रोजेक्ट?
- केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब अगला चरण है डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और टेंडर प्रक्रिया.
- परियोजना में लैंड एक्विजिशन, पर्यावरण मंजूरी और इंजीनियरिंग कार्य प्राथमिकता पर होंगे.
- निर्माण कार्य के लिए 2025 के अंत तक शुरुआत हो सकती है.
- अनुमान है कि यह प्रोजेक्ट 2 से 3 वर्षों के भीतर पूरा हो जाएगा.