Schools Holiday: पंजाब राज्य के लोगों के लिए 8 अप्रैल 2025 का दिन खास रहने वाला है. राज्य सरकार ने इस दिन श्री गुरु नाभा दास जी की जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) घोषित किया है. यह फैसला वर्ष 2025 की सरकारी छुट्टियों की अधिसूचित सूची के अंतर्गत लिया गया है. जिससे राज्यभर के शिक्षण संस्थान, कार्यालय और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे.
श्री गुरु नाभा दास जी कौन थे?
श्री गुरु नाभा दास जी एक महान संत, भक्त और समाज सुधारक थे. उनका जन्म 8 अप्रैल को हुआ था और वे 15वीं शताब्दी के दौरान समाज में व्याप्त भेदभाव और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाने वाले महापुरुषों में गिने जाते हैं. उन्होंने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को भक्ति, सेवा और समानता का मार्ग दिखाया. उनका जीवन संदेश देता है कि हर इंसान समान है और सभी को एक-दूसरे की सेवा करनी चाहिए. उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं, खासकर दलित और पिछड़े वर्गों में.
स्कूल से लेकर सरकारी दफ्तर तक बंद रहेंगे
राज्य सरकार की ओर से घोषित इस अवकाश का दायरा व्यापक है. इस दिन पूरे पंजाब राज्य में निम्नलिखित संस्थानों में छुट्टी रहेगी:
- सरकारी स्कूल और कॉलेज
- सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान
- सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालय
- जिला स्तरीय प्रशासनिक इकाइयां
- कुछ निजी संस्थान जो राज्य सरकार की छुट्टियों का पालन करते हैं
यानी इस दिन प्रदेश भर में आम जनजीवन कुछ हद तक शांत रहेगा और लोग इस अवसर को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाएंगे.
धार्मिक और सामाजिक आयोजनों की तैयारी जोरों पर
श्री गुरु नाभा दास जी की जयंती पर हर साल धार्मिक जुलूस, भजन संध्या, प्रवचन कार्यक्रम और लंगर सेवा का आयोजन किया जाता है. इस साल भी पूरे पंजाब में श्रद्धालुओं ने इन कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंदिरों और धर्म स्थलों को सजाया जा रहा है और भक्तगण बड़ी संख्या में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. धार्मिक संस्थाएं भी इस दिन विशेष सत्संग और कीर्तन आयोजित करेंगी.
समाज सुधार में गुरु नाभा दास जी का योगदान
गुरु नाभा दास जी ने हमेशा जातिवाद और ऊंच-नीच की भावना के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने समाज को यह सिखाया कि ईश्वर की भक्ति में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. उनकी रचनाओं में सामाजिक समानता और मानवता का संदेश स्पष्ट रूप से झलकता है. उन्होंने ‘भक्तमाल’ नामक ग्रंथ की रचना की. जिसमें उन्होंने कई संतों और भक्तों की जीवन गाथा का उल्लेख किया. यह ग्रंथ भक्ति साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
शिक्षण संस्थानों में मनाया जाएगा श्रद्धा दिवस
अनेक स्कूलों और कॉलेजों में यह दिन केवल अवकाश तक सीमित नहीं रहेगा. कई संस्थान इससे एक दिन पहले यानी 7 अप्रैल को गुरु नाभा दास जी की जयंती पर विशेष सभाओं, भाषण प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे. ताकि छात्र-छात्राएं उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा ले सकें.