CIBIL Score For Home Loan: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक अपना घर हो. लेकिन आज की बढ़ती महंगाई में ज़्यादातर लोग इसे पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लेते हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि बैंक होम लोन देने से पहले आपके सिबिल स्कोर को सबसे पहले देखते हैं? यह स्कोर आपके वित्तीय अनुशासन और लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाता है.
सिबिल स्कोर क्यों है जरूरी?
सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है. जितना अधिक यह स्कोर होता है, बैंक को उतना ही विश्वास होता है कि आप समय पर ईएमआई चुका सकते हैं. अगर आपका स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो आपको न केवल लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है, बल्कि ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं.
रेपो रेट और होम लोन की ब्याज दर में संबंध
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में बैंक भी होम लोन की ब्याज दरें घटा सकते हैं. अप्रैल 2025 में MPC की बैठक के बाद यह और स्पष्ट हो सकता है. ऐसे में होम लोन लेने का यह अच्छा समय हो सकता है, बशर्ते आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो.
होम लोन के लिए कितना सिबिल स्कोर जरूरी है?
सामान्यतः बैंक होम लोन के लिए 650 से ऊपर के स्कोर को स्वीकार करते हैं, लेकिन:
- 750 और उससे अधिक: लोन जल्दी मिलता है और ब्याज दरें कम रहती हैं.
- 700-749: लोन मिलने की संभावना अच्छी होती है, ब्याज थोड़ी अधिक.
- 650-699: शर्तें सख्त होती हैं, ब्याज दर अधिक हो सकती है.
- 650 से कम: लोन मिलना कठिन, बैंक गारंटर या को-एप्लिकेंट मांग सकता है.
कम सिबिल स्कोर को सुधारने के आसान उपाय
- सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं.
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 30% लिमिट से अधिक न करें.
- एक समय पर एक ही लोन रखें, कई लोन एकसाथ लेने से बचें.
- अपनी सिबिल रिपोर्ट की नियमित जांच करें और गलतियों को सुधारें.
- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन में संतुलन बनाए रखें.
सिबिल स्कोर को सुधारने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और निरंतरता बनाए रखें.
होम लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें
- प्रॉपर्टी की कीमत का कम से कम 20-30% डाउन पेमेंट करें.
- अगर स्कोर कम है तो संयुक्त आवेदक (जैसे पति/पत्नी) के साथ आवेदन करें.
- डॉक्युमेंट्स तैयार रखें: सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, ITR आदि.
- लोन की अवधि लंबी (20-25 साल) रखें ताकि EMI कम रहे.
- स्थायी नौकरी या नियमित आय स्रोत होने से बैंक को भरोसा बढ़ता है.
होम लोन लेने का यह है सही समय
यदि आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो RBI की अगली मौद्रिक नीति के बाद फैसला लेना फायदेमंद हो सकता है. रेपो रेट में और कटौती होने पर बैंक ब्याज दर घटा सकते हैं. इस संभावित कमी का लाभ उठाने के लिए अभी से सिबिल स्कोर सुधारने और डॉक्यूमेंट तैयार रखने पर ध्यान देना चाहिए.